गधा राजकुमार

बहुत समय पहले की बात है ।

किसी राज्य के राजा और रानी की कोई संतान नहीं थी ।

कई साल बाद उनके घर एक बेटा पैदा हुआ ।

लेकिन वह मनुष्य का नहीं , बल्कि गधे का बच्चा था ।

राजा ने आदेश दिया कि गधे के बच्चे को राजकुमार की तरह पाला - पोसा जाए ।

राजा ने अपने महल से सारे आईने हटवा दिए , ताकि राजकुमार कभी यह न जान सके कि वह एक गधा है ।

गधा राजकुमार बहुत प्यार - दुलार के साथ महल में पलने लगा ।

वह बहुत समझदार और शिष्ट राजकुमार बना ।

उसे संगीत से बहुत प्रेम था ।

वह अपने खुरों की मदद से वीणा भी बजा लेता था ।

एक दिन उसने महल के तालाब में अपनी परछाईं देख ली ।

उसे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि वह एक गधा था ।

अब वह अपने परिवार के सदस्यों का सामना नहीं करना चाहता था , इसलिए महल छोड़कर चला गया ।

शीघ्र ही गधा राजकुमार एक ऐसे राज्य में पहुंच गया , जिसके राजा की बेटी बहुत सुंदर थी ।

किसी ने भी इतनी सुंदर लड़की कभी नहीं देखी थी ।

गधा राजकुमार राजकुमारी से मिलना चाहता था , लेकिन उसे महल में कौन जाने देता ।

वह महल के बाहर बैठकर वीणा बजाने लगा । राजा ने भी उसके संगीत के सुर सुने ।

नौकरों से पूछने पर उसे मालूम हुआ कि एक गधा वीणा बजा रहा था ।

राजा ने उसे महल के भीतर बुलवा लिया ।

जब राजकुमारी संगीत सुनने आई , तो गधा राजकुमार उसे देखते ही मोहित हो गया ।

राजकुमारी वास्तव में बहुत प्यारी थी ।

उसने अपने जीवन में कभी इतनी सुंदर लड़की नहीं देखी थी ।

गधा राजकुमार के क्रियाकलापों , शिष्टाचार , समझदारी और संगीत से राजा बहुत प्रभावित हुआ ।

उसने उसे अपने महल में मेहमान बना लिया ।

एक दिन राजा ने भरी सभा में यह ऐलान कर दिया , “ मैं चाहता हूं कि मेरी बेटी का विवाह इसके साथ हो जाए ।

" यह सुनकर गधा राजकुमार को बहुत अच्छा लगा , लेकिन राजकुमारी इस विवाह के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी ।

परंतु अंत में उसे राजा की बात माननी ही पड़ी ।

फिर बहुत धूमधाम से राजकुमारी और गधा राजकुमार की शादी कर दी गई ।

रात को कमरे में बैठी राजकुमारी यह सोचकर दुखी हो रही थी कि उसकी शादी एक गधे से कर दी गई है ।

तभी गधा राजकुमार कमरे में आया

और अपने शरीर से गधे की खाल उतार दी ।

लेकिन ये क्या ! राजकुमारी के सामने तो एक सुंदर राजकुमार खड़ा था ।

गंधा राजकुमार बोला , “ यह मेरा असली रूप है ।

केवल तुम्हीं इस बारे में जानती हो ।

इस बात को अपने तक ही रखना । " राजकुमारी की खुशी की सीमा न रही ।

अब उसे मालूम हो गया था कि वह एक गधे की नहीं , बल्कि सुंदर राजकुमार की पत्नी है ।

अगले दिन जब राजा ने राजकुमारी से पूछा कि क्या उसे उसका गधा पति पसंद आया , तो राजकुमारी ने खुशी से हामी भर दी ।

यह जानकर राजा को बहुत हैरानी हुई कि राजकुमारी ने अपने गधा पति को इतनी आसानी से कैसे स्वीकार कर लिया ।

अगली रात जब राजा ने उनके कमरे में झांका तो सारा भेद खुल गया ।

वह चुपके से उनके कमरे में गया और उतारी हुई गधे की खाल उठा लाया ।

फिर उसने उस खाल को जला दिया । अगली सुबह गधा राजकुमार को अपनी खाल नहीं मिली ।

तभी राजा वहां पहुंच गया । उसने ऐलान कर दिया कि वह अपना आधा राज्य उसके नाम करना चाहता है ।

फिर राजकुमार के माता - पिता भी उसके पास आ गए और सभी लोग सुख - शांतिपूर्वक अपना जीवन बिताने लगे ।