जंगल की झोंपड़ी

किसी जंगल के छोर पर एक गरीब लकड़हारा अपनी पत्नी और तीन बेटियों के साथ रहता था ।

एक दिन उसे घने जंगल में लकड़ी काटने जाना था ।

अतः उसने अपनी बड़ी बेटी से कहा कि वह दोपहर में उसके लिए

खाना और पानी ले आए ।

जब लकड़हारा जंगल में जा रहा था , तो वह रास्ते भर ज्वार के दाने गिराता गया , ताकि उसकी बड़ी बेटी को रास्ता खोजने में परेशानी न हो ।

लेकिन पक्षियों ने ज्वार के दाने चुग लिए ।

जब बड़ी बेटी जंगल में पहुंची , तो उसे पता ही नहीं चल रहा था कि किस ओर जाना है ।

फिर वह जंगल में बनी एक झोंपड़ी के पास पहुंच गई ।

वहां उसने एक बूढ़े आदमी को देखा , जो अपने मुर्गा , मुर्गी और गाय के साथ रहता था ।

बूढ़ा बोला , " तुम हमारे साथ रह सकती हो , लेकिन तुम्हें हमारे लिए खाना तैयार करना होगा ।

" बड़ी बेटी के पास कोई उपाय नहीं था ।

रात होने वाली थी और वह जंगल में नहीं जा सकती थी ।

फिर बड़ी बेटी ने उन लोगों के लिए खाना तैयार किया ।

उसने बूढ़े को तो खाना दे दिया , लेकिन उसके मुर्गा , मुर्गी और गाय को खाना देना भूल गई ।

इस पर बूढ़ा कुछ नहीं बोला ।

उसने बड़ी बेटी से कहा कि वह बाई तरफ के कमरे में जाकर पलंग पर सो सकती है ।

जब बड़ी बेटी उस कमरे में सोने गई , तो बूढ़े ने एक दरवाजा खोल दिया ।

वह वहां से एक गहरे और नम तहखाने में जा गिरी ।

लकड़हारा भूखा प्यासा घर लौटा और पूछा कि कोई उसे खाना देने क्यों नहीं आया ।

तब उसे पता चला कि उसकी बड़ी बेटी सुबह उसके लिए खाना लेकर गई थी , मगर अभी तक वापस नहीं आई है ।

दूसरे दिन जंगल में जाते समय उसने अपनी दूसरी बेटी से खाना लेकर आने को कहा ।

फिर जंगल में पहुंचकर वह बड़ी बेटी को खोजने लगा ।

वह दूसरी बेटी को रास्ता दिखाने के लिए दाल के दाने बिखेर आया था ।

लेकिन एक बार फिर पक्षियों ने दाना चुग लिया और दूसरी बेटी रास्ता भटक गई ।

वह भी जंगल में बनी उसी झोंपड़ी में पहुंच गई ।

फिर उसके साथ भी वही हुआ , जो उसकी बड़ी बहन के साथ हुआ था ।

तीसरे दिन घर से निकलते समय लकड़हारे ने छोटी बेटी से खाना लेकर आने को कहा ।

आज उसे अपनी दोनों बेटियों को जंगल में खोजना था ।

उसने रास्ते में मटर के दाने बिखेरे , लेकिन उन्हें भी पक्षी खा गए ।

छोटी बेटी भी रास्ता भटककर उसी झोंपड़ी के पास पहुंच गई , लेकिन वह बहुत दयालु थी ।

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बूढ़े ने उससे भी खाना बनाने को कहा ।

उसने बहुत प्यार से खिचड़ी बनाई और बूढ़े को खाना देने से पहले मुर्गा- मुर्गी को मक्का और गाय को चारा दिया ।

फिर बूढे को भी आदर सहित खाना खिलाया ।

जब बूढे ने खाना खा लिया , तो उसने खुद खिचड़ी खाई ।

जब छोटी बेटी रात को सोई , तो उसे नींद में ऐसा लगा मानो उसने कोई तूफान आने की आवाज सुनी हो ।

लेकिन वह थकी हुई थी , इसलिए सोती रही ।

जब सुबह छोटी बेटी की आंख खुली , तो वह यह देखकर हैरान हो गई कि उसके आसपास की हर चीज बदल गई थी उस झोंपड़ी के स्थान पर अब एक महल था ।

दरअसल वह बूढ़ा आदमी एक सुंदर राजकुमार था और तीनों जानवर उसके प्रिय नौकर थे ।

राजकुमार बोला , “ तुमने अपनी दयालुता से मेरे और मेरे नौकरों पर किए गए जादू को तोड़ दिया ।

मैं फिर से अपने राज्य का राजकुमार बन गया । मैंने

तुम्हारी दोनों बहनों को तुम्हारे घर भेज दिया है ।

तुम एक दयालु लड़की हो ।

क्या तुम मुझसे शादी करोगी ? " छोटी बेटी ने हामी भर दी और राजकुमार से शादी कर ली ।

फिर वे लोग महल में सुख - शांतिपूर्वक रहने लगे ।